
समाजवादी पार्टी ने विश्वकर्मा समाज की बनाई पहचान
कारपेंटर्स न्यूज़ @ आजमगढ़
यूपी के पूर्व शिक्षा मंत्री रामआसरे विश्वकर्मा ने कहा कि विश्वकर्मा समाज की बड़ी आबादी होने के बावजूद भी आज विधानसभा, लोकसभा में विश्वकर्मा समाज का कोई एमएलए एमपी नहीं है। विश्वकर्मा समाज का सरकार में कोई मंत्री नहीं है। विश्वकर्मा समाज की आवाज सदन और सरकार में नहीं उठाये जाने से कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है।
अखिल विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा आजमगढ़ जिला की ओर से महाराजगंज स्थित भैरों बाबा मंदिर प्रांगण में आयोजित विश्वकर्मा अधिकार सम्मेलन में उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा समाज समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने के लिये आगे आये तभी अधिकार व सम्मान मिलेगा। समाजवादी पार्टी ने विश्वकर्मा समाज की पहचान बनायी। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 17 सितंबर को श्री विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया, जिससे पूरे देश में विश्वकर्मा समाज का सम्मान बढ़ा। विश्वकर्मा समाज को वर्कशाप खोलने के लिये ग्रामसभा की जमीनों का पट्टा का शासनादेश जारी किया। इंटर पास विश्वकर्मा समाज के नौजवानों को आईटीआई का प्रमाण पत्र प्रदान करने का शासनादेश जारी किया, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने शासनादेश को कैंसिल करके विश्वकर्मा समाज का भारी नुकसान किया। उन्होंने कहा कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनती है तब विश्वकर्मा समाज का मंत्री बनाया जाता है। विश्वकर्मा समाज के विकास का काम, नौकरी और रोजगार की व्यवस्था होती है। भाजपा सरकार आते ही विश्वकर्मा समाज की उपेक्षा होने लगती है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल योजना मात्र एक छलावा है। सरकार ने 18 कामगार जातियों लोहार, बढ़ई, सुनार, शिल्पकार, नाई, कुम्हार, दर्जी, मोची आदि को केवल ट्रेनिंग और टूल्स किट्स देकर मजदूरी कराने की योजना बनायी है। इसलिए विश्वकर्मा समाज अब जागे और अपने अधिकार के लिये आगे आये। समाज के बच्चों को अब डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, जज, प्रोफेसर बनाना होगा तब समाज उन्नति करेगा।
सम्मेलन की अध्यक्षता महासभा के जिलाध्यक्ष पूर्व चेयरमैन वीरेंद्र विश्वकर्मा व संचालन महासभा आजमगढ़ के नगर अध्यक्ष पूर्व सभासद दिनेश विश्वकर्मा ने किया।
सम्मेलन को हरिकेश विश्वकर्मा, अमरनाथ विश्वकर्मा, संदीप विश्वकर्मा, संजय विश्वकर्मा, मनीष विश्वकर्मा, गुलाब विश्वकर्मा, मुसाफिर विश्वकर्मा, बजरंगी विश्वकर्मा, रामसमुझ विश्वकर्मा, हरिराम विश्वकर्मा, चन्द्रप्रकाश शर्मा, पंकज विश्वकर्मा, गौरव विश्वकर्मा, योगेन्द्र विश्वकर्मा, अम्बूज विश्वकर्मा, जगदीश विश्वकर्मा, सरोज विश्वकर्मा, शम्भूनाथ विश्वकर्मा, प्रभंजन विश्वकर्मा, रुपचंद शर्मा, सोहनलाल वर्मा ने भी संबोधित किया।