कारपेंटर की बेटी ने बुलेट की रफ्तार से वर्ल्ड कप में उड़ाई गिल्ली
चंडीगढ़। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप का फाइनल मैच जीता जिसके बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है। इस जीत के पीछे एक वजह पंजाब के मोहाली की बेटी अमनजोत कौर भी रही जो एक कारपेंटर की बेटी हैं और जिन्होंने अपनी शानदार फील्डिंग से ना सिर्फ दर्शकों का दिल लूट लिया बल्कि पूरे मैच का रुख ही बदल डाला। मोहाली की गलियों से निकलकर वर्ल्ड कप की ट्रॉफी तक पहुंची ये बेटी आज करोड़ों दिलों में बस गई है। अमनजोत कौर ने जिस तरह से फील्डिंग की, उसकी चर्चा आज पूरे देश में है। मैच में कैच के दौरान हाथों से फिसल रही बॉल को जमीन से उन्होंने टच नहीं करने दिया और बुलेट की रफ्तार से थ्रो कर विकेट की गिल्ली उड़ाई। फाइनल मुकाबले में अमनजोत ने दीप्ति शर्मा की गेंद पर दक्षिण अफ्रीकी कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट का शानदार कैच पकड़ा जो मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। वोल्वार्ड्ट उस समय अपना शतक पूरा कर चुकी थीं, लेकिन अमनजोत के उस कैच ने भारतीय टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इस कैच ने मैच का पासा ही पलट दिया। ये विकेट भारतीय टीम के लिए बेहद जरूरी था। इसके बाद साउथ अफ्रीका की पारी लड़खड़ाई और पूरी टीम 246 रन पर आउट हो गई।

अमनजोत कौर ने ना सिर्फ मैच में शानदार कैच लिया बल्कि शानदार फील्डिंग के जरिए साउथ अफ्रीकी टीम को पहला झटका भी उन्होंने दिया था। अमनजोत ने गेंद को विकेट पर डायरेक्ट हिट कर दूर से ही ताजमिन ब्रिट्स को रन आउट कर दिया जिसे देख सभी हैरान रह गए। 10वें ओवर के दौरान जब रेणुका सिंह ठाकुर की तीसरी गेंद को ताजमिन ब्रिट्स ने खेला तो ताजमिन रन लेने के लिए दौड़ पड़ी। अमनजोत ने बुलेट की रफ्तार से तेजी से गेंद उठाई और स्टम्प पर सीधा निशाना लगा दिया। वर्ल्ड कप क्रिकेट के फाइनल मुकाबले में उनके शानदार प्रदर्शन के बाद अब मोहाली में उनके घर के सामने जमकर भांगड़ा हुआ है और परिजनों ने नाचते-गाते जोरदार जश्न मनाया है। मोहाली के फेज 5 में रहने वाले अमनजोत के परिवार ने शानदार खेल पर खुशी जाहिर करते हुए मिठाईयां भी बांटी। अमनजोत के पिता भूपिंदर सिंह मोहाली के बलोंगी में कारपेंटर का काम करते हैं। वहीं उनकी मां रंजीत कौर हाउसवाइफ हैं जबकि बहन कमलजोत कौर प्राइवेट जॉब करती हैं।
