पीएम मोदी ने की कारपेंटर पिता की प्रशंसा
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 90 वें संस्करण में देश के युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन और उनके रिकॉर्ड के साथ उनके अभिभावकों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स की खास बात यह रही कि इस बार भी कई ऐसी प्रतिभाएं उभरकर सामने आई हैं, जो बहुत साधारण परिवारों से हैं। इन खिलाड़ियों ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया और सफलता के इस मुकाम तक पहुंचे हैं। इनकी सफलता में इनके परिवार और माता- पिता की भी बड़ी भूमिका है I वेट लिफ्टिंग में गोल्ड जीतने वाले चेन्नई के एल. धनुष के पिता एक साधारण कारपेंटर हैं।
तमिलनाडु के रहने वाले वेटलिफ्टर एल. धनुष ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है और अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए पूरी जी जान से मेहनत कर रहे हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन इसलिए किया जाता है ताकि युवा खिलाड़ियों को अपनी काबिलियत दिखाने का मंच मिल सके। यहां से खिलाड़ियों को नई राह मिलती है और वह आगे बढ़ते हैं।
धनुष के पिता वी लोकनाथन चेन्नई के थिरुवालुर में कारपेंटर हैं। लेकिन उनके दिल में खेल बसा है और वह अपने बच्चे को खेलों में नई ऊंचाइयां छूते हुए देखना चाहते हैं। धनुष ने 49 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीता।
धनुष के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन उनके पिता उन्हें किसी तरह की कमी नहीं छोड़ते। धनुष के पिता भी खिलाड़ी बनना चाहते थे लेकिन परिवार की माली हालत ठीक न होने के कारण उन्हें खेल छोड़ना पड़ा। उन्होंने अपने बेटे को आगे बढ़ाने की ठानी और धनुष को दो बार के ओलिंपियन आर. चंद्रा के पास ले गए। मीडिया से बात करते हुए धनुष ने कहा कि मेरे पिता चाहते हैं कि मैं एक दिन ओलिंपिक पदक जीतूं। उन्होंने परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण खेलना छोड़ दिया था, लेकिन वो हमेशा अखबारों की कटिंग बचाकर रखते थे। जब वह मुझे चंद्रा सर के पास ले गए तो उन्होंने मुझे वेटलिफ्टर बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि वह मेरी डाइट के लिए पैसे कमाने के लिए अतिरिक्त काम करेंगे। वह हमेशा मेरे साथ रहते हैं चाहे स्थिति कुछ भी हो। और ये उनका गोल्ड मेडल है।