विश्वकर्मा समिति ने शुरू की सामाजिक एकता की पहल
मुंबई। विश्वकर्मा समाज में सामाजिक एकता व भाईचारा मजबूत बनाने के लिए ‘समाज जोड़ो अभियान’ की शुरुआत मकर संक्रांति के अवसर पर की गई। विश्वकर्मा समाज की अग्रणी सामाजिक संस्था विश्वकर्मा समिति मुंबई की ओर से सांताक्रुज स्थित विश्वकर्मा समिति मुंबई हाल में आयोजित ‘समाज जोड़ो अभियान’ में मुंबई की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
विश्वकर्मा समिति मुंबई टास्क टीम के सदस्य राजेंद्र विश्वकर्मा, सुनील राना व अधिवक्ता जे.पी. शर्मा की अगुवाई में आयोजित समारोह में वक्ताओं ने सामाजिक एकता की पहल का स्वागत किया। विश्वकर्मा फॉउंडेशन के अध्यक्ष राकेश विश्वकर्मा ने कहा कि हमें अगर सामाजिक विकास की दिशा में जाना है तो सामाजिक एकता को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ना होगा। विश्वकर्मा विकास समिति के संस्थापक सदस्य हरिश्चंद्र विश्वकर्मा ने कहा कि पूर्व में हमारी संस्था की ओर से ऐसे प्रयास किये गए थे, जिसकी काफी प्रशंसा की गई थी। कारपेंटर्स वेलफेयर एसोसिएसन के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण विश्वकर्मा ने कहा कि समय के साथ हमें आपसी कटुता भूलकर भाईचारा मजबूत बनाने के लिए मिलकर काम करने होंगे।
विश्वकर्मा समिति मुंबई टास्क टीम के सदस्य राजेंद्र विश्वकर्मा ने कहा कि सामाजिक एकता के बिना हम सब आगे नहीं बढ़ नहीं सकते। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा समिति समाज की धरोहर है, आने वाली पीढ़ी के लिए यह प्रेरणास्रोत बनें इस दिशा में हम सबको मिलकर काम करने होंगे। सुनील राना ने कहा कि समाज में व्यवसाइयों का सम्मान होना चाहिए। संस्था को आगे बढ़ाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहता है। अधिवक्ता जे. पी. शर्मा ने कहा कि विश्वकर्मा समिति मुंबई में सभी विवाद खत्म हो चुके है, अब समाज के सभी घटकों को लेकर हमें आगे बढ़ना होगा।
समारोह में विश्वकर्मा समिति मुंबई की स्थापना काल से संस्था की देख रेख करने वाले पूर्व संयुक्त मंत्री लल्लूराम विश्वकर्मा को प्रभार दायित्व से मुक्त कर उन्हें सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संस्था के पूर्व पदाधिकारी मेवालाल विश्वकर्मा, धनराज शर्मा, रामनरेश विश्वकर्मा, दिनेश शर्मा, चंद्रिका प्रसाद विश्वकर्मा, लल्लूराम विश्वकर्मा ने संस्था स्थापना काल के समय से उत्तरोत्तर विकास पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर प्रो. एल. बी. शर्मा, पत्रकार गंगाराम विश्वकर्मा, लल्लन विश्वकर्मा, रमेश शिवी, सुभाष विश्वकर्मा आदि ने भी विचार रखे।