शिल्पकारों का देश के विकास में अहम योगदान

मुंबई। राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि शिल्पकारों का देश के विकास में अहम योगदान रहा है। शिल्पकारों की मेहनत व कला के बदौलत ही भारत दुनिया में सोने की चिड़िया कहलाता था।
जांगिड सेवा संघ मुंबई की ओर से कांदिवली (पूर्व) ठाकुर कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित दीपावली स्नेह सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि अंग्रेजों ने उद्योगों के जरिए शिल्पकारों को गरीब व पिछड़ों की श्रेणी में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि शिल्पकारों द्वारा बनाए गए उपकरण व कलाकृतियां पूरी दुनिया में निर्यात की जाती थी और उसी के कारण भारत अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया में सोने की चिड़िया कहलाता था। आज भी भारत के एक-एक मंदिर की संपत्ति यूरोप के कई देशों से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि विदेशियों ने भारत की संपदा को जमकर लूटा और अंग्रेजों ने शिल्पकारों की कला पर गहरा आघात किया और शिल्पकारों द्वारा बनाए गए जाने वाले उपकरणों, हथियारों व यंत्रों का निर्माण उद्योगों के जरिए शुरू कर दिया गया। जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ शिल्पकार व मजदूर वर्ग गरीब हो गया।
समारोह में विश्वकर्मा एजुकेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष मिताराम जांगिड, विश्वकर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष सूरजमल माकड, उद्योगपति शंकर कुलरिया, कृष्ण कुमार,भवन निर्माता पुरुषोत्तम लाला जांगिड, संस्था अध्यक्ष हरलाल जांगिड,प्रदीप सुथार,गीतेश जांगिड आदि इस अवसर पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन दयानंद जांगिड व संगीता जांगिड ने किया।

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