कवि करते हैं क्षितिज से परे कल्पना
जम्मू। श्री विश्वकर्मा लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर, न्यू प्लॉट जम्मू ने डोगरी लेखक डॉ. चंचल भसीन की अध्यक्षता में एक बहुभाषी कविता सत्र का आयोजन किया। सत्र की शुरुआत जम्मू के एक प्रसिद्ध कवि और लेखक रतन दोशी को श्रद्धांजलि के साथ हुई।
इस बहुभाषी कविता सत्र में आर्ष ओम डालमोत्रा, डॉ. चंचल भसीन (डोगरी), नीलम वर्मा ( डोगरी), बलवंत कटारिया (डोगरी), ओम अर्श दलमोत्रा (उर्दू), बसंत व्योगी ( डोगरी), अखनूर से रतन भारद्वाज (डोगरी), अवतार चंद वर्मा (पंजाबी), मदन ब्राल (डोगरी), अखनूर से राज कुमार (हिंदी ), चमन लाल पंथी (डोगरी), अब्दुल कादर कुंदरिया (डोगरी), रामपाल डोगरा ( डोगरी), हीरा नगर से मास्टर राज कुमार (डोगरी ), शशि बाला (हिंदी), पूर्वी अंगोत्रा (हिंदी ), पूर्वी अंगोत्रा (हिंदी), राम पल डोगरा (डोगरी), ओम कटारिया (हिंदी ) कवियों ने भाग लिया।
डॉ. चंचल भसीन ने इस अवसर पर कहा कि समारोह सरल लेकिन बहुत प्रभावशाली रहा। ऐसे कार्यक्रमों से कला और संस्कृति को बढ़ावा मिलता है। इस आयोजन के आयोजकों में कला के प्रति वास्तविक समर्पण, उत्साह और प्रेम की कल्पना नजर आती है। पुस्तकालय के संयोजक रमेश अंगोत्रा ने प्रतिभागियों द्वारा उद्धृत कविता की सराहना करते हुए कहा कि कवि और लेखक समाज के महत्वपूर्ण वर्ग हैं और उनका विधिवत सम्मान और सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा पुस्तकालय कला, संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
सुदर्शन कुमार ने भाग लेने वाले कवियों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र व उपहार प्रदान किया। उन्होंने कहा कि कला और साहित्य हमारे सामाजिक जीवन में स्नेहक का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि कवि क्षितिज से परे कल्पना कर सकते हैं। इससे पूर्व अपने स्वागत भाषण में जोगिंदर अंगोत्रा ने पिछले तेरह वर्षों की उपलब्धियों और पुस्तकालय की भविष्य की योजनाओं का विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की कार्यवाही का संचालन उपाध्यक्ष बलवंत कटारिया ने किया और ओम कटारिया ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कटरा के ऋतिक मालगोत्रा ने पुस्तकालय को माइक्रोफोन और स्पीकर सहित साउंड सिस्टम दान किया।